India River :भारत में कौन सी नदी है जो उल्टी दिशा में बहती है ,जाने उल्टी दिशा में बहने का वैज्ञानिक और पौराणिक रहस्य !
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उल्टी बहने वाली भारत की प्रमुख नदी :
India River :नर्मदा नदी भारत की एक अनूठी और महत्वपूर्ण नदी है, जो गुजरात और मध्य प्रदेश राज्यों से होकर बहती है। यह नदी अपने उल्टे बहाव के लिए प्रसिद्ध है, क्योंकि यह पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है, जबकि अन्य प्रायद्वीपीय नदियां पश्चिम से पूर्व की ओर बहती हैं। इस अनोखे बहाव के पीछे कई वैज्ञानिक और पौराणिक कारण हैं।
नर्मदा नदी का वैज्ञानिक पक्ष :
नर्मदा नदी का उल्टा बहाव मुख्य रूप से इसकी भूगर्भीय स्थिति और क्षेत्र की भूमि संरचना से प्रभावित है। यह नदी भारतीय प्रायद्वीप के मध्य भाग में स्थित है और विंध्य पर्वत श्रृंखला से उद्गम लेती है। विंध्य पर्वत श्रृंखला पूर्व-पश्चिम दिशा में फैली हुई है, जिसके कारण नर्मदा नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है।
इसके अलावा, नर्मदा घाटी एक ग्रेबेन घाटी है, जो एक उथला और लंबा गड्ढा है। यह घाटी पूर्व-पश्चिम दिशा में फैली हुई है और इसके दोनों ओर उठे हुए पर्वत हैं। ये पर्वत नर्मदा नदी को पश्चिम की ओर बहने के लिए मजबूर करते हैं।
इसके अलावा, नर्मदा नदी का बहाव पूर्व से पश्चिम की ओर है क्योंकि यह क्षेत्र का सबसे नीचा भाग है और यहां की भूमि का ढलान पश्चिम की ओर है। यह ढलान नर्मदा नदी को पश्चिम की ओर बहने के लिए प्रेरित करता है।
नर्मदा नदी का पौराणिक पक्ष :
नर्मदा नदी का उल्टा बहाव केवल वैज्ञानिक कारणों से ही नहीं, बल्कि पौराणिक कारणों से भी जुड़ा हुआ है। हिंदू धर्म में नर्मदा नदी को एक पवित्र नदी माना जाता है और इसे गंगा नदी के समकक्ष माना जाता है।
पुराणों के अनुसार, नर्मदा नदी का उद्गम शिव के तपस्या स्थल से होता है और यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है क्योंकि यह शिव के तपस्या स्थल से निकलती है। यह मान्यता है कि नर्मदा नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष प्राप्त होता है।
इसके अलावा, नर्मदा नदी के तट पर स्थित कई प्राचीन मंदिर और तीर्थस्थल हैं, जो इस नदी की पवित्रता को दर्शाते हैं। इन तीर्थस्थलों पर लाखों श्रद्धालु आते हैं और नर्मदा नदी में स्नान करके अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं
नर्मदा नदी के अन्य महत्वपूर्ण तथ्य :
– नर्मदा नदी भारत की पश्चिमी घाट पर्वत श्रृंखला से उद्गम लेती है और अरब सागर में गिरती है
– यह नदी लगभग 1,312 किमी लंबी है और 98,000 वर्ग किमी का जलग्रहण क्षेत्र है।
– नर्मदा नदी के तट पर कई प्राचीन मंदिर और तीर्थस्थल स्थित हैं, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण हैं – अमरकंटक, जहां नर्मदा नदी का उद्गम होता है, ओंकारेश्वर मंदिर, जहां नर्मदा नदी अरब सागर में गिरती है, और हरिश्चंद्रगढ़ दुर्ग।
– नर्मदा नदी का जलग्रहण क्षेत्र मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों में फैला हुआ है।
– यह नदी कई प्रमुख उद्योगों को जल आपूर्ति करती है, जिनमें से कुछ हैं – सिमेंट, कागज, खनिज, रासायनिक उत्पाद आदि।
नर्मदा नदी भारत की एक अनूठी और महत्वपूर्ण नदी है, जो अपने उल्टे बहाव और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इस नदी का उल्टा बहाव मुख्य रूप से इसकी भूगर्भीय स्थिति और क्षेत्र की भूमि संरचना से प्रभावित है। साथ ही, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नर्मदा नदी का उल्टा बहाव शिव के तपस्या स्थल से जुड़ा हुआ है। नर्मदा नदी के तट पर स्थित कई प्राचीन मंदिर और तीर्थस्थल इस नदी की पवित्रता को दर्शाते हैं और लाखों श्रद्धालु यहां आकर अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं।
इस प्रकार, नर्मदा नदी भारत की एक अनूठी और महत्वपूर्ण नदी है, जो न केवल वैज्ञानिक रूप से अनोखी है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यह नदी भारत की प्राचीन और समृद्ध संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।